उत्तरकाशी सुरंग हादसा 41 मजदूर फंसे हुए हैं रेस्क्यू टीम का 10वां दिन

दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। रेस्क्यू का आज 10वां दिन है और
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि सुरंग के अंदर पर्याप्त पानी, ऑक्सीजन और रोशनी है सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों के कुछ परिवारों को वहां पहुंचाया गया है जिन राज्यों से श्रमिक यहा आए हैं वहां के प्रशासन से संपर्क किया गया है मजदूरों के परिवार वालों को घटनास्थल पर पहुंचाया गया है और वहां लगाए गए चार इंच के पाइप से अपनों से बातें कर रहे हैं।

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12 नवंबर को हुआ था हादसा

ब्रह्मखाल-यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को धंस गया था. चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है. हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था. टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी. इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए 41 मजदूर हादसे के 10वें दिन एंडोस्कोपिक कैमरे से देखे गए है। मंगलवार सुबह 21 नवंबर 2023 को करीब 3 बजकर 52 मिनट पर मजदूरों से बातचीत की गई। मजदूरों की गिनती हुई सुरंग में सभी मजदूर सुरक्षित हैं। पाइप के जरिए इन्हें पहली बार गर्म खिचड़ी-दाल और जूस भेजा गया है। उत्तरकाशी सुरंग हादसा 41 मजदूर फंसे हुए हैं रेस्क्यू टीम का 10वां दिन

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ऑगर मशीन से दोबारा ड्रिलिंग शुरू

उत्तरकाशी सिल क्यारा सुरंग में ऑगर मशीन से दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई है जिससे अब तक करीब 34 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। पूर्व में 900 एमएम व्यास के पाइप 22 मीटर तक डाले गए थे। इनके अंदर ही 820 एमएम व्यास के 12 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं। सब कुछ ठीक रहा तो आज शाम तक पाइपों के आर-पार होने की उम्मीद की जा रही है।

आधुनिक तकनीकी पर धार्मिक आस्था टिकी हुई है

उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में खोज बचाव अभियान को सफल बनाने की कामना को लेकर 18 नवंबर को निर्माण कंपनी नवयुग इंजीनियरिंग व एनएचआइडीसीएल ने सुरंग के गेट की दायीं ओर एक मंदिर स्थापित किया। इस मंदिर में नियमित सुबह शाम पूजा अर्चना की जा रही है। सुरंग के अंदर जब कार्य की निगरानी करने के लिए इंजीनियर व विशेषज्ञ जा रहे हैं तो वह भी पहले इस मंदिर में माथा टेक रहे हैं।

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प्रभारी मंत्री अग्रवाल ने सिलक्यारा में की खोज बचाव अभियान की समीक्षा

उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में हुई भूस्खलन की घटना के दसवें दिन कैबिनेट मंत्री एवं उत्तरकाशी जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सिलक्यारा पहुंचे। मंगलवार की शाम को उन्होंने सिलक्यारा टनल के अंदर चल रहे खोज बचाव कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही उच्च अधिकारियों के साथ बैठक भी की। प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि सभी श्रमिकों को सुरक्षित अतिशीघ्र निकाला जाए।

एनडीआरएफ की 2 टीमें मौजूद

उत्तरकाशी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव अभियान को लेकर कहा कि एनडीआरएफ की दो टीमें किसी भी आकस्मिकता और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए साइट पर रिहर्सल कर रही हैं। अगर किसी स्थिति में उन्हें तकनीकी विशेषज्ञों को या सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेंगकर सुरंग में प्रवेश करने की जरूरत पड़ी तो वह मदद के लिए वहां मौजूद है।

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